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लेखनी कहानी -21-Feb-2022 तस्वीर


#दैनिक लेखनी प्रतियोगिता
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अब जमाना बदल रहा है,
कुछ रीत बदल रही है,
कुछ रिवाज बदल रहा हैं,
यह नया दौर भी आया कैसा---
यह रंग नया लाया कैसा,
कुछ सोच बदल रही है,
कुछ विचार बदल रहे हैं,
कुछ अच्छी शुरुआत रही,
कुछ बिगड़ी बात रही,
कुछ संस्कार बदल रहे है,
आपसी व्यवहार बदल रहे हैं,
सब अपने अनजाने हो गए---
सब अपने आप में खो गए,
इस चकाचौंध भरी दुनिया में---
शानो शौकत का खेल है,
एक दूजे की होड़ में---
जिंदगी उम्मीदों की जेल है,
बीते जमाने की तस्वीर---
आ जाती जब यादों में---
वह दिन भी क्या दिन होते थे,
नीले अंबर के नीचे---
जब खुली छत पर सोते थे---
लेकिन अब वह बात कहां है,
वह पहली सी रात कहां है,
अब एयर कंडीशनर के बिन---
कट्ते नहीं है रात और दिन,
आती है जब याद पुरानी---
गुजरे लम्हों की कहानी,
आजकल के दौर को देखो---
थी  यादें वो बड़ी सुहानी,
मां की हाथों की स्वेटर को---
पहनकर कॉलेज जाते थे,
क्या गरमाहट  थी स्वेटर में---
मन ही मन इतराते थे,
कितने सुंदर दिखते थे,
चार चांद लग जाते थे,
रोक रोक कर डिजाइन स्वेटर का---
जब कॉपी सब करते थे,
पल भर के लिए ही सही---
मॉडल खुद को समझते थे,
लेकिन अब वह बात कहा है---
वह पहले से जज्बात कहां है,
अब तो जमाने बदल गए हैं,
कुछ रीत बदल रही है;
कुछ रिवाज बदल रहे हैं,
संगीता वर्मा✍✍


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5 Comments

Arman

01-Mar-2022 11:41 AM

बेहतरीन रचना

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Bahut khoob

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Seema Priyadarshini sahay

21-Feb-2022 05:28 PM

बहुत खूबसूरत

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